नहर में गिरे चीतल को मिला जीवनदान

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स्वाब बचाव दल और वन विभाग ने छह घंटे चलाया अभियान

चंद्रपूर : आलेवाही बीट के खारकला गाँव के पास गोसीखुर्द नहर में एक नर चीतल गिर जाने की सूचना पर सोमवार शाम स्वाब संगठन और वन विभाग की संयुक्त टीम ने रेस्क्यू अभियान चलाया। यह अभियान शाम 5 बजे से रात 11 बजे तक लगातार छह घंटे चला।

स्वाब संगठन के बचाव दल प्रमुख जीवेश सयाम, अध्यक्ष यश कायरकर, गणेश गुरनुले और आदित्य नन्हे स्वयं नहर में उतरे और लगभग चार किलोमीटर तक चीतल का पीछा किया। अंततः चीतल को रस्सी की मदद से सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। रात के अंधेरे में जंगल की ओर भागते हुए चीतल को देखकर उपस्थित सभी लोगों ने राहत की साँस ली। वन्यजीव विशेषज्ञों के अनुसार, यह नर चीतल लगभग सात से आठ वर्ष का था।

अभियान में वन विभाग से वनरक्षक पंडित मेकेवाड़, वन चौकीदार देवेंद्र उइके, वन मजदूर वामन निकुरे तथा स्वाब फाउंडेशन से नितिन भेंडाले, अनमोल सेलोकर, साहिल अगडे सहित कई सदस्य उपस्थित थे।

नहर बनी वन्यजीवों के लिए मौत का जाल

गौरतलब है कि पवनी से चंद्रपुर तक फैली यह गोसीखुर्द नहर तलोधी वन क्षेत्र से होकर गुजरती है। नहर खुली होने से वन्यजीव अक्सर इसमें गिरते रहते हैं। कुछ ही महीनों में नागभीड़ वन क्षेत्र में जंगली भैंसा, तलोधी क्षेत्र में दो नीलगाय, एक जंगली सूअर, पाँच चीतल और कई घरेलू पशु इसमें गिरकर जान गँवा चुके हैं।

स्थायी समाधान की माँग

स्वाब फाउंडेशन के अध्यक्ष यश कायरकर ने कहा –

“वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए नहर पर निश्चित अंतराल पर पुलिया या चढ़ने के लिए सीढ़ियाँ बनाई जानी चाहिए। संस्था की ओर से बार-बार निवेदन करने के बावजूद प्रशासन और गोसीखुर्द निर्माण विभाग इस विषय को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। यदि तत्काल कदम नहीं उठाए गए, तो वन्यजीवों की जान का नुकसान रुकना मुश्किल है।”

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