
चंद्रपूर (मोहम्मद सुलेमान बेग) :
ताडोबा का मशहूर बाघ टी-126 ‘छोटा मटका’ CM अब जंगल की दहाड़ नहीं लगाएगा। गंभीर चोटों और टूटी दाँतों की वजह से वह अब शिकार करने में सक्षम नहीं रहा।
10 वर्षीय इस बाघ को शुक्रवार रात चंद्रपुर ट्रांज़िट ट्रीटमेंट सेंटर से नागपुर के गोरवाड़ा रेस्क्यू सेंटर में स्थानांतरित किया गया, जहाँ वह जीवन का शेष समय कैद में बिताएगा।
छोटा मटका मई 2025 में प्रतिद्वंद्वी बाघ ब्राह्मा (टी-158) से भिड़ंत में बुरी तरह घायल हुआ था। जाँच में उसकी बाँह की हड्डी टूटने और तीन दाँत क्षतिग्रस्त पाए गए। विशेषज्ञों ने पुष्टि की कि उसका जंगली जीवन जारी रखना अब संभव नहीं है।
वन्यजीव प्रेमियों के लिए यह बड़ा भावनात्मक झटका है, क्योंकि छोटा मटका वर्षों से ताडोबा का पर्यटक आकर्षण और मशहूर बाघ वंश की पहचान रहा है।
