रेल का खूनी खेल — फिर से रेल की टक्कर से बाघ की मौत!

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(चंद्रपुर–गोंदिया रेल मार्ग इस साल 11 वन्यजीवों के लिए बना मौत का फंदा)

यश कायरकर (सिंदेवाही):
12 अक्टूबर की रात करीब 11:10 बजे, बल्लारशाह–गोंदिया रेल मार्ग पर एक और दर्दनाक हादसा हुआ। मेमू ट्रेन संख्या 68804 की चपेट में आने से 14 वर्षीय नर बाघ (टी-40) की मौके पर ही मौत हो गई। यह घटना सिंदेवाही वनपरिक्षेत्र के कारगांव के कक्ष क्र. 1338/741 में घटी।
मृत बाघ की पहचान टी-40 (बिट्टू) के रूप में हुई है, जो प्रसिद्ध नर बाघ जय का शावक था। आकर्षक, बलिष्ठ और पर्यटकों के बीच लोकप्रिय इस बाघ की एक झलक पाने के लिए सैकड़ों पर्यटक तड़पते रहते थे।
घटना की जानकारी मिलते ही सिंदेवाही वनपरिक्षेत्र के कर्मचारी रात करीब 12:00 बजे घटनास्थल पर पहुंच गए।
आज सुबह, ब्रम्हपुरी डीसीएफ कुमार स्वामी और एसीएफ महेश गायकवाड के मार्गदर्शन में पशु चिकित्सक डॉ. सुरपाम ने पंचनामा कर पोस्टमार्टम हेतु मृत बाघ को टीटीसी चंद्रपुर भेजा।
इस मौके पर NTCA के DCF नागपूर नंदकिशोर काळे, वनपरिक्षेत्र अधिकारी अंजली सांयकार, अरूप कन्नमवार, क्षेत्र सहायक गडपायले, NTCA प्रतिनिधि बंडू धोत्रे, मुकेश भांदककर, हॅबिटॅट कंझर्वेक्षण सोसायटी के अध्यक्ष दिनेश खाटे,, तथा स्वॉब संस्थाध्यक्ष यश कायरकर उपस्थित रहे।

वन्यजीवों के लिए मौत का जाल बनता रेल मार्ग

बल्लारशाह–गोंदिया रेल मार्ग चंद्रपुर, ब्रम्हपुरी, नागझिरा और गोंदिया के घने जंगलों से होकर गुजरता है। यह मार्ग वन्यजीवों के पारगमन क्षेत्र (कॉरिडोर) को विभाजित करता है, जिससे जानवरों को एक जंगल से दूसरे जंगल में जाने के दौरान गंभीर बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है।
इस रेल लाइन के कारण न केवल वन्यजीवों की मौतें बढ़ी हैं, बल्कि आसपास के गांवों में मानव–वन्यजीव संघर्ष की घटनाएं भी तेजी से बढ़ रही हैं।
यह रेल मार्ग तेलंगाना के कावल व्याघ्र प्रकल्प, महाराष्ट्र के कन्हाळगांव अभयारण्य, ताडोबा-अंधारी व्याघ्र प्रकल्प, उमरेड–कऱ्हाडला तथा नवेगांव–नागझिरा जैसे महत्वपूर्ण वन्यजीव आवासों से होकर गुजरता है। बावजूद इसके, वन्यजीव प्रेमियों और संस्थाओं की लगातार मांगों के बावजूद वन विभाग और प्रशासन ने अब तक कोई ठोस उपाय नहीं किए हैं।
इस लापरवाही से वन्यजीव प्रेमियों में गहरी नाराजगी व्याप्त है।

रेल से मौतें – आंकड़ों में वन्यजीव हानि (2025)

सिर्फ इस वर्ष अब तक 11 वन्यजीवों की मौतें इसी रेल मार्ग पर दर्ज की गई हैं —
2 बाघ
1 तेंदुआ
3 भालू
4 सांभर
1 जंगली सूअर

हाल की घटनाएं:

12 अक्टूबर: एक मादा सांभर की मौत
17 सितंबर: तेंदुए की मौत
8 सितंबर: एक सांभर की मौत
30 अगस्त: दो भालू ट्रेन की चपेट में
28 जून: एक सांभर और उसका बच्चा
25 मई: भालू
5 जुलाई: एक जंगली सूअर
19 जनवरी: एक बाघ

अब 13 अक्टूबर को टी-40 बाघ की मौत ने फिर एक बार प्रशासनिक उदासीनता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

वन्यजीव प्रेमियों की मांग:

स्थानीय संगठन और वन्यजीव संरक्षक यह मांग कर रहे हैं कि इस मार्ग पर तत्काल स्पीड लिमिट, फेंसिंग, अंडरपास/ओवरपास जैसे उपाय किए जाएं, ताकि भविष्य में ऐसी दुखद घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।

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