
जिला प्रतिनिधि (यश कायरकर) :
सिंदेवाही वनपरिक्षेत्र के अंतर्गत डोंगरगांव नियत क्षेत्र में मानव-वन्यजीव संघर्ष की एक गंभीर घटना के बाद आज एक और नर बाघ शावक को बेहोश कर पकड़ लिया गया है। यह वही शावक है जो अपनी मां (बाघिन) के साथ 10 मई को तीन महिलाओं पर हुए हमले में शामिल था।
तीन महिलाओं की दर्दनाक मौत
10 मई को मेंढा (माल) गांव की तीन महिलाएं — कांताबाई चौधरी (66), सारिका शेंडे (49), और शुभांगी चौधरी (30) — तेंदूपत्ता तोड़ने के लिए जंगल गई थीं। तभी बाघिन और उसके शावकों ने उन पर हमला कर दिया, जिससे तीनों की मौके पर ही मौत हो गई थी।
बाघिन और अब एक शावक पकड़ा गया
घटना के बाद स्थानीय नागरिकों और जनप्रतिनिधियों ने बाघों को पकड़ने की मांग की। वन विभाग ने तुरंत घटनास्थल पर 64 कैमरा ट्रैप और 8 लाइव कैमरे लगाकर निगरानी शुरू की। 13 मई को बाघिन को ट्रैंक्विलाइज़ कर पकड़ा गया और चिकित्सा परीक्षण के बाद उसे गोरेवाड़ा स्थित WRTC (Wildlife Rescue and Transit Centre) भेज दिया गया।
आज, 16 मई को बाघिन के एक नर शावक (उम्र लगभग 12 से 14 महीने) को भी बेहोश कर सफलतापूर्वक पकड़ लिया गया।
बाघ पकड़ने में शामिल टीम
यह अभियान उपवनसंरक्षक राकेश सेपट (ब्रम्हपुरी वनविभाग), सहायक वनसंरक्षक एम. बी. चोपडे, बायोलॉजिस्ट राकेश आहुजा, और पशुवैद्यकीय अधिकारी डॉ. रविकांत खोब्रागडे के मार्गदर्शन में चलाया गया।
मौके पर अजय मराठे (शूटर), वनपरिक्षेत्र अधिकारी विशाल सालकर, क्षेत्र सहायक एन. टी. गडपायले, पी. एस. मानकर, वनपाल श्री. मसराम, श्री. चौके, श्री. पेंदोर, श्री. चहांदे, वनरक्षक सचिन चौधरी, विवेक फुलझले तथा RRT, PRT दलों के सदस्य, वनमजदूर व वाहन चालक सहित कुल 62 वनकर्मी सक्रिय रूप से शामिल रहे।
शेष शावकों पर भी रखी जा रही नजर
अब भी कुछ शावक जंगल में मौजूद हैं। इन पर लगातार निगरानी रखी जा रही है। 64 कैमरा ट्रैप और 8 लाइव कैमरों की मदद से उनकी गतिविधियों पर बारीकी से नजर रखी जा रही है। वन विभाग जल्द ही शेष शावकों को भी पकड़ने की योजना पर काम कर रहा है।
वन विभाग की अपील
वन विभाग ने स्थानीय नागरिकों से बार-बार अपील की है कि वे अनावश्यक रूप से जंगल में प्रवेश न करें और अपनी जान जोखिम में न डालें।
