
मोहम्मद सुलेमान बेग :
वन्यजीव और वनसंरक्षण से संबंधित छात्रों को ज्ञानार्जन के लिए अधिक समृद्ध होने की दृष्टि से, वनमंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन के अवसर पर 17 सितंबर 2016 से ताडोबा अंधारी टाइगर रिजर्व के मुख्य क्षेत्र संचालक के मार्गदर्शन मे ताडोबा कोअर और बफर क्षेत्र के वनपरिक्षेत्र अधिकारी और वनकर्मचारी की मदत से “चला माझ्या ताडोबा” इस मुफ्त शैक्षणिक सहल कार्यक्रम के माध्यम से हजारों शालेय छात्रों को लाभ मिलने के लिए इसकी शुरुआत की।
ताडोबा अंधारी टाइगर रिजर्व एक बाघ अभयारण्य है जो न केवल देशी सैलानियो के साथ साथ विदेशी सैलानियो को भी बाघ देखने के लिए आकर्षित करता है।
चंद्रपुर जिले के दूरदराज के इलाकों के छात्रों के लिए ताडोबा अंधारी टाइगर रिजर्व का दौरा करना संभव नहीं है। साथ ही, जंगल के निकट रहने वाले ग्रामीण जिले में वन संरक्षण और बाघ संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, इसलिए इस क्षेत्र के स्कूली छात्रों के लिए वन संरक्षण के महत्व को समझना बहुत महत्वपूर्ण है।
इसलिए स्कूली छात्र इस महत्वपूर्ण वन पर्यटन से वंचित रह जाते हैं, जिससे उनमें जंगल के प्रति रुचि पैदा हो और साथ ही वन्य जीवन और वन विभाग के प्रति भी बचपन से ही रुचि पैदा हो।
इस पृष्ठभूमि में, जिले के सभी जिला परिषद स्कूलों, आश्रम स्कूलों, अनाथ आश्रम के छात्रों, विकलांग छात्रों को ताडोबा अंधारी टाइगर रिजर्व की मुफ्त शैक्षिक यात्रा पर ले जाया जा रहा है।
इस पहल का लाभ हर साल हजारो छात्रों को मिल रहा है। यह पहल पिछले 8 वर्षों से ताडोबा में क्रियान्वित की जा रही है। जिसका फायदा आने वाली पीडी को जरूर मिलेगा।
