
चंद्रपुर (मोहम्मद सुलेमान बेग):
ताडोबा-अंधारी टाइगर रिज़र्व के बफर जोन स्थित रामदेगी क्षेत्र में दो बाघों के बीच जबरदस्त संघर्ष हुआ। यह झड़प बाघिन और क्षेत्र पर अधिकार को लेकर हुई, जिसमें एक बाघ की मौत हो गई, जबकि दूसरा गंभीर रूप से घायल हो गया।
रामदेगी क्षेत्र ताडोबा का एक लोकप्रिय इलाका है, जो “छोटा मटका” और प्रसिद्ध नीली आँखों वाली बाघिन “नयनतारा” के कारण पर्यटकों के बीच बेहद प्रसिद्ध है। पिछले कुछ वर्षों से छोटा मटका इस क्षेत्र पर कब्जा जमाए हुए है और किसी भी बाहरी बाघ को यहां घुसने नहीं देता। उसके साथ टकराने वाले कई बाघों को वह पहले भी मौत के घाट उतार चुका है — जिनमें “बजरंग का नाम शामिल है।
हाल ही में इस क्षेत्र में दो नए बाघ — “वीरभद्र” और “ब्रह्मा” — नयनतारा के साथ संयोग (मेटिंग) के प्रयास में सक्रिय थे। बीती रात, जब मचान से बाघों की गणना (सेंसेस) चल रही थी, उसी दौरान रात करीब 7:30 से 8:00 बजे के बीच ब्रह्मा और छोटा मटका के बीच घमासान लड़ाई हुई। दोनों बाघ एक-दूसरे पर टूट पड़े और उनकी दहाड़ों से पूरा जंगल थर्रा उठा।
इस भीषण संघर्ष में ब्रह्मा बाघ की मौत हो गई, जबकि छोटा मटका बुरी तरह घायल हो गया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, जब छोटा मटका जंगल से बाहर आया, तो उसका चेहरा खून से सना हुआ था और उसका एक अगला पंजा गहरे रूप से घायल था। उसे चलने में भी दिक्कत हो रही थी। सफारी से लौटते समय पर्यटकों ने यह दृश्य देखा और तुरंत वन विभाग के स्थानीय कर्मचारियों को सूचित किया। खबर मिलते ही वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे।
आज सुबह घटनास्थल का पंचनामा किया गया। छोटा मटका के अगले पैर में गंभीर चोट आई है। उल्लेखनीय है कि इससे पहले भी छोटा मटका कई बार घायल हो चुका है, लेकिन हर बार उसने खुद को साबित किया है।
