
आकापुर ग्रामवासियों और तालुका कांग्रेस कमेटी ने निकाला मोर्चा
जिला प्रतिनिधी (यश कायरकार):
नागभीड़ तहसील के अंतर्गत आने वाले आकापुर ग्राम में शुक्रवार की शाम को खेत में काम कर रहे किसान वासुदेव सितकुरा वेठे (58) पर पट्टेदार बाघ ने हमला कर उसकी हत्या कर दी। इस घटना से पूरे क्षेत्र में दहशत का माहौल व्याप्त है। वहीं रविवार की रात को भी बाघ ने गांव के पास एक कुत्ते पर हमला कर उसे गंभीर रूप से घायल कर दिया।
हालात इतने भयावह हैं कि दिनदहाड़े सावरला-आकापुर मार्ग पर भी बाघ को देखा जा रहा है, जिसके चलते आकापुर, गंगासागर हेती, उश्रालमेंढा, सावरला और लखमापुर क्षेत्रों के ग्रामीणों में डर का माहौल है।
वर्तमान में हल्के धान की कटाई और भारी धान के खेतों में पानी की अंतिम आवश्यकता का समय होने के कारण किसानों और मजदूरों को खेतों में जाना आवश्यक है। परंतु बाघ के आतंक से मजदूर, विशेष रूप से महिलाएँ, खेतों में काम करने से इंकार कर रही हैं।

इसी बढ़ते खतरे और प्रशासन की निष्क्रियता के विरोध में आज शिवाजी चौक, तालोधी बालापुर से वनपरिक्षेत्र कार्यालय तक मोर्चा निकाला गया और आंदोलन किया गया। इस दौरान ग्रामवासियों ने चेतावनी दी कि तीन दिनों के भीतर नरभक्षी बाघ को पकड़ा जाए, अन्यथा इससे भी बड़ा जनआंदोलन छेड़ा जाएगा।
ग्रामवासियों, किसान संगठनों और तालुका कांग्रेस कमेटी की ओर से वनपरिक्षेत्र अधिकारी लक्ष्मी शाह को ज्ञापन सौंपा गया।
इस अवसर पर पूर्व जिला परिषद अध्यक्ष डॉ. सतीश वारजूकर, पूर्व सभापति प्रणया गड्डमवार, तालुका कांग्रेस अध्यक्ष प्रमोद चौधरी, आकापुर सरपंच कुणाल गहाणे, गंगासागर हेती के पूर्व सरपंच दिलीप गायकवाड़, खुशाल मदनकर, येनोली सरपंच अमोल बावनकर, राहुल मदनकर और मोनील देशमुख उपस्थित थे। आंदोलन में बड़ी संख्या में महिलाएँ और किसान वर्ग शामिल हुआ।
“वर्तमान में धान कटाई का मौसम चल रहा है, लेकिन बाघ के आतंक से मजदूर खेतों में जाने से डर रहे हैं। वन विभाग की ओर से अब तक बाघ को पकड़ा नहीं गया है। अगर अगले तीन दिनों में नरभक्षी बाघ को जेरबंद नहीं किया गया, तो ग्रामवासियों की ओर से ब्रम्हपुरी उपवन विभाग कार्यालय पर और भी बड़ा आंदोलन किया जाएगा।”
— डॉ. सतीश वारजूकर, पूर्व जिला परिषद अध्यक्ष, चंद्रपुर


 
                