
मुकेश वालके (चंद्रपूर) :
ताडोबा अंधारी व्याघ्र प्रकल्प प्राधिकरण वन्यजीव प्रबंधन के लिए अब किसानों के स्वामित्व वाली 104 एकड़ भूमि का उपयोग किया जायेगा ।
इस तरह से प्रकृति संरक्षण का विचार अफ्रीका से लिया गया है. जहां किसानों को अपनी भूमि पर वन्यजीव संरक्षण और पर्यटन को प्रोत्साहित करने के लिए प्रेरित किया जाता है. इस क्षेत्र में बुळूकदेव का प्रसिद्ध प्राकृतिक जलस्थान भी शामिल है.
ताडोबा के क्षेत्र संचालक जितेन्द्र रामगांवकर के मुताबिक
देश में पहली ऐसी परियोजना है जहां वन विभाग निजी स्वामित्व वाली भूमि पर वन्यजीव प्रबंधन करेगा. उन्होंने बताया कि हमने चार किसानों के साथ एक समझौता किया है, जो एक साथ 104 एकड़ जमीन के मालिक हैं, जहां हम प्रकृति संरक्षण के रूप में जाने वाले को लागू करेंगे। जमीन पर जुताई न करने पर किसानों को प्रति एकड़ 5,000 रुपये प्रति एकड़ मिलेंगे।
