मूल तालुका में बाघ का कहर जारी: भगवानपुर जंगल में महिला की मौत, 13 दिनों में 10वीं जान गई

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चंद्रपूर (मोहम्मद सुलेमान बेग) :

मूल तालुका के ग्रामीण इलाकों में बाघ के हमलों का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है। मंगलवार को एक और महिला बाघ का शिकार बनी, जिससे क्षेत्र में डर और असुरक्षा का माहौल है।
पिछले 13 दिनों में बाघ द्वारा की गई 10 वीं जानलेवा घटना है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, चिरोली गांव की बेघर बस्ती में रहने वाली संजीवनी संजय मॅकेलवार (उम्र 47 वर्ष), जिनका आधार कार्ड पर नाम नंदा दर्ज है, मंगलवार की सुबह लगभग 9:00 बजे पास के पुनर्वसित गांव भगवानपुर स्थित वनविकास महामंडल (FDCM) के जंगल में लकड़ी (सरपण) लेने गई थीं। यह जंगल कक्ष क्रमांक 524 के अंतर्गत आता है।
बताया जा रहा है कि जैसे ही महिला झाड़ियों में सरपण एकत्र करने लगी, तभी पास मे बैठे एक बाघ ने अचानक उन पर हमला कर दिया। हमले की तीव्रता इतनी अधिक थी कि महिला की मौके पर ही मौत हो गई। यह घटना उस समय हुई जब महिला अकेली जंगल में गई थी।

एक सप्ताह में दूसरी घटना, भय का वातावरण गहराया
स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि यह घटना पिछले एक सप्ताह में दूसरी है, और कुल मिलाकर 17 दिनों में अब तक 10 महिलाएं बाघ का शिकार बन चुकी हैं। लगातार हो रही इन घटनाओं से ग्रामीणों, खासकर किसानों और पशुपालकों में गहरी दहशत फैल गई है। खेतों और जंगल से सटे रास्तों से गुजरना अब जोखिम भरा हो गया है।

प्रशासनिक टीम ने किया घटनास्थल का पंचनामा
घटना की सूचना मिलते ही एफडीसीएम के वनपरिक्षेत्र अधिकारी एस. बी. बोथे, वनपाल सी. आर. शिंदे, पुलिस निरीक्षक सुबोध वंजारी व उनकी टीम, प्राणीमित्र उमेश झिरे एवं उनके सहयोगी, वनरक्षक गव्हारे, बीट वनरक्षक उमेश गवई, वनरक्षक अशोक सिंघण घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने मौके का पंचनामा किया और शव को उपजिला रुग्णालय, मूल भेजा गया, जहां पोस्टमार्टम की कार्रवाई की गई।

परिजनों को मिलेगा मुआवजा
एफडीसीएम के अधिकारियों ने जानकारी दी कि विभागीय नियमों के तहत मृतका के परिजनों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। साथ ही भविष्य में ऐसी घटनाओं की रोकथाम हेतु गश्त बढ़ाने और सुरक्षा उपायों पर जोर दिया जाएगा।

ग्रामीणों की मांग – बाघ को पकड़ा जाए
घटनाओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए ग्रामीणों में रोष है। उनकी मांग है कि बाघ को जल्द से जल्द पकड़ा जाए और वन विभाग प्रभावित क्षेत्रों में पिंजरे, ट्रैप कैमरा तथा गश्ती दल की संख्या बढ़ाए।

विशेष आग्रह:
प्रशासन और वन विभाग से अपील की जा रही है कि वह ग्रामीणों की सुरक्षा सुनिश्चित करें और बाघ को पकड़ने के लिए जल्द से जल्द प्रभावी कदम उठाएं।

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