
जिल्हा प्रतिनिधी (यश कायरकर):
कर्नाटक के प्रसिद्ध एमएम हिल्स वन्यजीव अभयारण्य में पांच बाघों की रहस्यमय परिस्थितियों में मौत हो गई है। मृतकों में एक मादा बाघिन और उसके चार शावक शामिल हैं। प्रारंभिक जांच में इनकी मौत ज़हर दिए जाने की आशंका जताई जा रही है, जिससे वन विभाग और वन्यजीव प्रेमियों में हड़कंप मच गया है।
गाय के शिकार से जुड़ा मामला
बताया जा रहा है कि बाघिन ने हाल ही में अभयारण्य के समीप एक गांव से गाय का शिकार किया था। संभावना जताई जा रही है कि इस घटना से नाराज़ कुछ ग्रामीणों ने गाय के बचे हुए मांस में ज़हर मिला दिया, जिसे जंगल में ले जाकर बाघिन और उसके शावकों ने खा लिया और उनकी मौके पर ही मौत हो गई।
सरकार ने दिए उच्चस्तरीय जांच के आदेश
कर्नाटक के वन, पारिस्थितिकी एवं पर्यावरण मंत्री ईश्वर बी. खांद्रे ने इस गंभीर घटना का संज्ञान लेते हुए तीन दिनों में विस्तृत रिपोर्ट तलब की है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि,
“एक ही दिन में पांच बाघों की मौत अत्यंत चिंताजनक है। दोषियों को किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाएगा।”
राज्य सरकार ने मामले की जांच के लिए मुख्य प्रधान मुख्य वन संरक्षक (PCCF) को तत्काल स्थल पर भेजने के निर्देश दिए हैं।
मृत बाघों के शव हुग्यम रेंज में मिले
चामराजनगर सर्किल के मुख्य वन संरक्षक टी. हीरालाल ने बताया कि बाघिन और चार शावकों के शव मीनीयम क्षेत्र के हुग्यम रेंज में पाए गए, जो एमएम हिल्स अभयारण्य का हिस्सा है। उन्होंने कहा,
“प्रथम दृष्टया यह मामला ज़हर दिए जाने का प्रतीत होता है। यह किसी भी स्थिति में प्राकृतिक मौत नहीं हो सकती।”
कर्नाटक में बाघों की दूसरी सबसे बड़ी आबादी
गौरतलब है कि एमएम हिल्स वन्यजीव अभयारण्य लगभग 906 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है और बाघ, तेंदुआ, हाथी जैसी कई महत्वपूर्ण प्रजातियों का आवास स्थल है। कर्नाटक में 563 बाघों के साथ देश में दूसरी सबसे बड़ी बाघों की आबादी है।
हालांकि इस अभयारण्य को टाइगर रिज़र्व घोषित करने का प्रस्ताव 2023 के विधानसभा चुनाव से पहले रखा गया था, लेकिन तब से यह योजना लंबित है।
इस घटना ने न सिर्फ वनविभाग की सतर्कता पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि राज्य की बाघ संरक्षण नीति पर भी गंभीर चिंता व्यक्त की जा रही है।
