
चंद्रपूर : आलापल्ली एफडीसीएम (FDCM) विभाग में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां जिन कर्मचारियों पर वन्य जीवों की रक्षा की जिम्मेदारी है, वही अब शिकार में शामिल पाए गए हैं। जानकारी के अनुसार, एफडीसीएम (वन विकास महामंडल) के कुछ कर्मचारियों ने हरिण (हिरण) का शिकार कर उसका मांस पकाया और खाया। इस घटना से पूरे क्षेत्र में सनसनी फैल गई है।
वन विभाग ने इस मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। यह घटना ऐसे समय पर सामने आई है जब आलापल्ली में उपवनसंरक्षक कार्यालय और वन विभाग के वरिष्ठ कार्यालय मौजूद हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि जब खुद विभाग के कर्मचारी ही वन्यजीवों के शिकार में शामिल होंगे, तो आम जनता किससे न्याय की अपेक्षा रखे?
स्थानीय नागरिकों को उम्मीद थी कि जब उपवनसंरक्षक दीपाली तलमले ने हाल ही में प्रभार संभाला, तब क्षेत्र में वन्यजीव अपराधों और तस्करी में कमी आएगी। नागरिकों की उम्मीदों पर खरा उतरते हुए, उन्होंने इस गंभीर घटना पर कठोर कार्रवाई की है।
प्राथमिक जानकारी के अनुसार, इस शिकार कांड में कई अन्य कर्मचारी भी शामिल हो सकते हैं, लेकिन अब इस पूरे मामले को केवल किसी कनिष्ठ ठेका कर्मी पर डालकर बाकी लोग बच निकलने की कोशिश कर रहे हैं, ऐसी चर्चा भी चल रही है।
अब देखना यह है कि इस पूरे मामले में कितने बड़े नाम सामने आते हैं और वन विभाग आगे क्या कार्रवाई करता है। पूरे राज्य की निगाहें इस प्रकरण पर टिकी हुई हैं।
