
यश कायरकर :
उमरिया (मध्य प्रदेश): बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में बाघ की करंट लगने से मौत हो गई। शिकारियों ने जंगली जानवरों को पकड़ने के लिए बिजली का जाल बिछाया था, जिसमें एक बाघ फंस गया और मौके पर ही उसकी मौत हो गई। वन विभाग की टीम ने जांच के बाद दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
भादर नदी के पास दफनाया गया था बाघ का शव
वन विभाग को गश्ती दल से संदिग्ध गतिविधियों की सूचना मिली थी। जांच के दौरान, डॉग स्क्वायड की मदद से भादर नदी के दलदली इलाके से बाघ का शव बरामद किया गया। शव लगभग 15 दिन पुराना था और उसे जमीन में दबा दिया गया था। इस मामले में सुखदास गांव के रहने वाले दो आरोपियों, रामचरण कोल और पांड कोल को गिरफ्तार किया गया। उनके पास से बिजली के तार और कुल्हाड़ी बरामद हुई है। वन विभाग ने दोनों के खिलाफ वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है।
बाघों की सुरक्षा पर सवाल
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में बाघों की मौत का सिलसिला जारी है, खासकर पनपथा बफर जोन में। आंकड़ों के मुताबिक, 2020 से 2025 तक इस क्षेत्र में कुल 51 बाघों की मौत हो चुकी है, जिनमें से 17 सिर्फ पनपथा रेंज में मारे गए हैं। 2024 में यहां पहले ही तीन बाघों की मौत हो चुकी थी, और अब एक और बाघ की करंट से मौत ने सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
पोस्टमार्टम के बाद बाघ का दाह संस्कार
वन विभाग की टीम ने बाघ के शव का पोस्टमार्टम कर अंतिम संस्कार कर दिया। क्षेत्र संचालक अनुपम सहाय और अन्य अधिकारियों की निगरानी में यह प्रक्रिया पूरी हुई। वन विभाग का कहना है कि शिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी और बाघों की सुरक्षा के लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे।
यह घटना दिखाती है कि बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में सुरक्षा व्यवस्था में गंभीर खामियां हैं और शिकारियों पर सख्त नियंत्रण की जरूरत है।
