तलोधी वनपरिक्षेत्र मे बाघ को पकड़ने में वन विभाग को मिली सफलता

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जिला संवादाता (यश कायरकर)
नागभीड़ – ताडोबा अंधारी टायगर रिजर्व (TATR) से आकर तलोधी बालापुर वनपरिक्षेत्र में दहशत फैलाने वाले नर बाघ TATR-224 (उम्र लगभग 8 वर्ष) को वन विभाग ने आज सफलतापूर्वक पकड़ लिया। यह कार्रवाई आज सुबह 11:30 बजे गंगासागर हेटी बिट, सावर्ला रिट की शासकीय भूमि (सर्वे क्र. 2) पर अंजाम दी गई।

दो निर्दोष लोगों की गई थी जान
TATR-224 नामक इस बाघ ने हाल ही में दो ग्रामीणों की जान ली थी।
पहली घटना 15 अप्रैल को घटी थी, जब गंगासागर हेटी निवासी कुंडलिक मारोती बोरकर (उम्र 45 वर्ष) को बाघ ने मार डाला। दूसरी घटना 18 मई को वाढोणा निवासी मारोती नकटू शेंडे (उम्र 64 वर्ष) के साथ आलेवाही बीट में हुई। इन घटनाओं के बाद क्षेत्र में दहशत का माहौल बना हुआ था।
वरिष्ठ अधिकारियों से अनुमति प्राप्त कर वन विभाग ने बाघ को पकड़ने की कार्रवाई शुरू की थी, जो आज सफलता के साथ पूर्ण हुई।

बाघ पकड़ने वाली टीम
यह अभियान वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में चलाया गया। इसमें उपवन संरक्षक राकेश सेपट, सहायक वनसंरक्षक महेश गायकवाड (प्रादेशिक व वन्यजीव), वन्यजीव जीवविज्ञानी राकेश अहुजा (ब्रम्हपुरी), पशुवैद्यकीय अधिकारी डॉ. रविकांत खोब्रागडे (ता.अ.व्या.प्र. चंद्रपुर), शूटर अजय मराठे (पुलिस हवालदार) और अन्य विशेषज्ञों की भूमिका अहम रही।

तलोधी वनपरिक्षेत्र अधिकारी अरुप कन्नमवार के नेतृत्व में अरविंद माने (क्षेत्र सहायक), राजेंद्र भरने (वनरक्षक, आकापुर), घनश्याम लोनबले (वनरक्षक, देवपायली), पंडित मेकेवाड (वनरक्षक, आलेवाही), संदिप चुधरी, वनरक्षक तलोधी, यश कायरकर (अध्यक्ष, SWAB फाउंडेशन), जिवेश सयाम (बचाव दल प्रमुख, SWAB), RRT टीम (ता.अ.व्या.प्र.), तळोधी के वनरक्षक, PRT सदस्य, वनमजदूर और वाहनचालकों ने इस पूरे मिशन में महत्वपूर्ण सहयोग किया।

बाघ को पकड़ने के बाद
बाघ को बेहोशी की दवा देकर सुरक्षित रूप से पकड़ा गया है। आगे की प्रक्रिया के लिए उसे निगरानी में नागपूर के गोरेवाडा में  भेजा गया और विशेषज्ञों की देखरेख में आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।

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