
चंद्रपुर (मोहम्मद सुलेमान बेग):
ताडोबा-अंधारी व्याघ्र प्रकल्प के पद्मापुर से मोहरली मार्ग पर हाल के दिनों में वाघों की बढ़ती उपस्थिति पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बन गई है। बड़ी संख्या में पर्यटक वाघों का दीदार करने के लिए यहाँ पहुँच रहे हैं, परंतु इनमें से कई लोग वन नियमों की अनदेखी करते हुए जानवरों के बहुत करीब तक चले जाते हैं, जिससे वन्यजीवों को तनाव व परेशानी हो रही है।
वन विभाग के मोहर्ली वनपरिक्षेत्र अधिकारी (बफर) संतोष थिपे के अनुसार, पिछले तीन वर्षों में ऐसे नियम उल्लंघन के मामलों में करीब 28 लाख रुपये का जुर्माना वसूला गया है।
पर्यटक वाघ को मानो पालतू जानवर समझते हुए उनके अत्यंत निकट जाकर फोटो लेने की कोशिश करते हैं, जो न केवल गैरकानूनी है, बल्कि बेहद खतरनाक भी साबित हो सकता है।
भीड़ नियंत्रण और जागरूकता बढ़ाने के लिए वन विभाग ने कई कदम उठाए हैं। जंगल क्षेत्र में सूचना बोर्ड और चेतावनी वाले बैनर्स लगाए गए हैं और विशेष टीमों का गठन भी किया जा रहा है, जो भीड़ को नियंत्रित करने का कार्य करेंगी। इसके साथ ही एक नया मोबाइल ऐप भी विकसित किया जा रहा है, जिससे पर्यटकों को सही मार्गदर्शन मिल सके और वन्यजीवों को परेशानी न हो।
हर शनिवार और रविवार को हजारों की संख्या में पर्यटक ताडोबा का रुख करते हैं, जिससे पद्मापुर से लेकर सीतारामपेठ गांव तक भारी वाहन भीड़ देखी जा रही है। यदि इस समस्या पर शीघ्र ही कोई ठोस उपाय नहीं किया गया, तो किसी दुर्घटना की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता।
वन विभाग ने पर्यटकों से अपील की है कि वे जंगल के नियमों का पालन करें और वन्यजीवों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में सहयोग दें।
