सात बहनी डोंगर पर मधुमक्खियों के हमले में दो व्यक्तियों की मौत और पांच  गंभीर रूप से घायल

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जिल्हा प्रतिनिधी (यश कायरकर):
तलोधी बालापुर वनपरीक्षेत्र अंतर्गत और तलोधी पुलिस स्टेशन अंतर्गत आने वाले गोविंदपुर क्षेत्र के पेरजागढ (सात बहनी डोंगर) सेवन सिस्टर  हिल के नाम से प्रसिद्ध पहाड़ी पर नागपुर  से आये सैलानियों पर मधुमक्खियों ने हमला कर दिया। जिससे 2 व्यक्तियों की मौत और 5 लोग गंभीर रूप से घायल होने की जानकारी मिली है। जिसमें कुछ औरतें और एक सिर्फ छह 6 महीने की छोटी बच्ची भी थी, घायलों के नामों का पता नहीं चला है।  जब की नागपुर निवासी अशोक विभीषण मेंढे ( 62 ) इनकी मौके पर ही मौत हो गई है। और गुलाबराव पोचे  (58) उन्हें डोंगर परिसर से गंभीर हालत में रेस्क्यू कर लाते वक्त रास्ते में इनकी मौत हो गई।
उक्त घटना 08 एप्रिल 2023 शनिवार दोपहर 2:00 से 3:00 बजे के करीब की है उक्त घटना की जानकारी   वन विभाग को शाम को पता चलते है तत्काल वन विभाग की टीम अग्निशामक दल की 2 गाड़ियां, तलोधी , नागभिड पुलिस  और स्वाब नेचर केयर संस्था के पदाधिकारी और सदस्य घटना स्थल पर  पहुंचकर लापता गुलाबराव पोचे को तलाश करने  में जुट गए थे ।कुछ समय बाद में गुलाबराव को गंभीर हालत में ढूंढ कर पर्वत से उतारकर एंबुलेंस की तरफ लाते वक्त उनकी रास्ते में ही मौत हो गई। जबकि अशोक मेंढे की मौत उपर पहाड़ पर ही मधुमक्खियों के काटने से  हो चुकी थी।  दोनों के शव नागभीड ग्रामीण रुग्णालय ने शव विच्छेदन के लिए भेजे गए। यह घटनाक्रम रात 11 बजे तक चला।  आगे की जांच तलोधी पुलिस और तलोधी वनविभाग द्वारा किया जा रहा है।
इस गंभीर घटना को ध्यान में रखते हुए पेरजागढ परिसर पर्यटन के लिए फिलहाल वनविभाग और पुलिस द्वारा बंद कर दिया गया है।
वास्तव में देखे तो इस डोंगर परिसर में हजारों सैलानी पर्यटन का आनंद लेने के लिए और कोई आस्था के चलते यहां पर आते हैं। लेकिन यहां मधुमक्खियों के छाते होने की वजह से अक्सर ही आए दिन इस तरह की घटना घटित होती है, जिसमें मधुमक्खियों के हमले में  पर्यटक अक्सर जख्मी होने की घटनाएं घटित होती रहती है। लेकिन आज इस घटना की वजह से 2 लोगों को अपनी जान गवानी पड़ी।
वन विभाग द्वारा बार-बार यहां पर्यटन के लिए मना करने के बावजूद कुछ पैसे की लालच में नागपुर के टूर एंड ट्रेवल्स के टूरिस्टो को  कुछ आश्वासन देकर उनकी जान जोखिम में डालकर पैसे की लालच में यहां लाते हैं।  नागपुर की ही एक टूरिस्ट कंपनी द्वारा यहां नाइट कैंप लगाया गया था और सुबह के सूर्योदय दर्शन की लालच और नाईट कैंप, नाइट में डांस , और रात में ही पर्वत ट्रैकिंग का  आयोजन गया था। और एक बार उन्होंने ट्रैकिंग भी की थी जबकि यहां बाघ, तेंदुआ, भालू, मधुमक्खियां ,जैसे खतरनाक जानलेवा जानवर रात दिन घूमते रहते हैं।  लेकिन इस और ध्यान आकर्षित करने के बाद वन विभाग ने उस टूर कंपनी की ट्रेकिंग की अभिलाषा बंद कर दी थी।
फिर भी यह एक बड़ा हादसा हुआ सुनने में आया कि 4 दिन पूर्व ही उमरेड के कुछ लोगों को मधुमक्खियों की वजह से गंभीर हालत में अस्पताल भर्ती कराया गया था। इस रेस्क्यू के वक्त सहायक उपवन संरक्षक कैलाश धोंडने, वन विभाग ब्रम्हपुरी, तलोधी वन क्षेत्र के  कर्मचारी, तलोधी, नागभीड पुलिस कर्मचारी और स्वाब नेचर केयर संस्था के रेस्क्यू टीम के सदस्य उपस्थित थे।  जिन्होंने रेस्क्यू कर जख्मी और मृतक को  पहाड़ से नीचे लाने में वन विभाग की मदद की।
*ज्ञात हो कि पर्वत के नीचे एक देवालय मौजूद है। जहां एक समिति देखभाल का काम करती है। और उसी समिति ने वह यहां आने वाले हर पर्यटक से पर्यटन का पैसा लेने के लिए यह टेंडर  निकालकर करीबन ₹ 2 लाख रुपए का ठेका किसी बाहर के लोगों को दिया है। जो यहां आने वाले सैलानियों से पैसा वसूल करते हैं। और जंगल और पर्यटकों की सुरक्षा नजरअंदाज कर दिया गया है।*
लेकिन इस परिसर में आने वाले सैलानी पर्यटक हमेशा गंदगी फैलाते हैं , घने जंगल में और पर्वत के चारों तरफ प्लास्टिक बॉटल्स, प्लास्टिक की थैलियां, दारू की बोतल, प्लास्टिक की पत्रावली, जैसा प्लास्टिक का कचरा फैला देते हैं।  लेकिन यह समिति सिर्फ सैलानियों से पैसा लेकर इस और नजरअंदाज कर रही हैं।  जिससे यहां विचरण करने वाले वन्यजीवों के लिए  प्लास्टिक प्रदूषण का खतरा मौजूद हो गया है । पैसा तो सभी सैलानियों से वसूल कर रही है लेकिन ऐसी कोई वारदात होती है तो कोई भी समिति का आदमी वहां मौजूद नहीं होता, और बाद में लोग वन विभाग को दोष देने लगते हैं।
अब लोगो की जान पर भी बन रही है।  पर्वत के शिखर पर मधुमक्खियों के छत्ते होते हुए भी वहां कुछ लोग गैस सिलेंडर ले जाकर जलाते हैं और नाश्ते के हाटेल लगाते हैं।  जिस वजह से इस पर्वत पर आग लगने की घटना हो जाती है।  और वहां की मधुमक्खियां छाते से उड़कर इस तरह के दर्दनाक हादसे हो जाते हैं।  इस और प्रशासन ने ध्यान देकर सख्त रवैया अपनाकर ऐसी वारदातों रोकने की जरूरत है, ऐसा परिसर के जानकार लोगों ने और वन्यजीव प्रेमियों ने कहा है।

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