ताडोबा अंधारी टाइगर रिजर्व में सफारी बुकिंग में धोखाधड़ी, पर्यटकों में नाराजगी, प्रशासन पर उठे सवाल

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मोहर्ली (मोहम्मद सुलेमान बेग) :
ताडोबा अंधारी टाइगर रिजर्व, जो अपनी वन्यजीव विविधता और बाघों की मौजूदगी के लिए विश्व प्रसिद्ध है, में सफारी बुकिंग में धोखाधड़ी के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। ताजा घटना 12 जनवरी 2025 की है, जब मुरली प्रवेशद्वार पर एक क्रूजर वाहन की बुकिंग स्लिप में छेड़छाड़ का मामला उजागर हुआ। इससे पहले भी इस तरह की घटनाएं हो चुकी हैं, लेकिन प्रशासन अब तक चुप्पी साधे हुए है।

जांच में हुआ खुलासा
जांच में पाया गया कि सफारी टिकट पर दर्ज नाम और सफारी पर जाने वाले पर्यटक अलग-अलग थे। पूछताछ के दौरान पर्यटकों ने एक रिसॉर्ट मालिक का नाम लिया, लेकिन उसकी पुष्टि अभी नहीं हो पाई है। घटना में शामिल पर्यटक हैदराबाद से आए थे। उन्होंने अपने कीमती समय और धन की बर्बादी पर नाराजगी जताई और पुलिस मे शिकायत करने की बात कही है।

धोखाधड़ी के आर्थिक पहलू

सूत्रों के अनुसार, क्रूजर वाहन की टिकट कीमत ₹700 प्रति व्यक्ति निर्धारित है, लेकिन पर्यटकों से ₹1500 प्रति व्यक्ति वसूले गए। यह गोरखधंधा काफी समय से चल रहा है। यह समस्या केवल क्रूजर बुकिंग तक सीमित नहीं है, बल्कि जिप्सी बुकिंग में भी इसी तरह की धोखाधड़ी की जा रही है।

धोखाधड़ी के तरीके
नाम बदलकर टिकट का उपयोग:
टिकट बुकिंग के बाद नाम बदलकर इसे अन्य पर्यटकों को ऊंची कीमत पर बेचा जाता है।

रात में जंगल भ्रमण:
कुछ रिसॉर्ट संचालक पर्यटकों को मोहर्ली से कोंडेगांव के बीच रात में गाड़ी में घुमाते हैं और बाघ दिखाने का झूठा दावा करते हैं।

इको-जोन में अवैध निर्माण:
पर्यावरण संतुलन के लिए संरक्षित इको-जोन में रिसॉर्ट्स और होमस्टे के निर्माण की अनुमति नहीं है, लेकिन नियमों का उल्लंघन कर निर्माण किया जा रहा है।
प्रशासन की भूमिका और सुधार की आवश्यकता
इस तरह की धोखाधड़ी न केवल ताडोबा की छवि को धूमिल कर रही है, बल्कि वन्यजीव संरक्षण के प्रयासों को भी प्रभावित कर रही है। प्रशासन को इन समस्याओं के समाधान के लिए तुरंत कदम उठाने चाहिए:

पारदर्शी ऑनलाइन बुकिंग प्रक्रिया:
टिकट बुकिंग प्रक्रिया को तकनीकी रूप से मजबूत और पारदर्शी बनाया जाए।

कानूनी कार्रवाई:
दोषी रिसॉर्ट मालिकों और ऑपरेटरों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए।

पर्यटकों को जागरूक करना:
उन्हें केवल आधिकारिक माध्यमों से टिकट बुक करने के लिए प्रेरित किया जाए।

इको-जोन की जांच:
अवैध रूप से बने रिसॉर्ट्स और होमस्टे के खिलाफ कार्रवाई हो और नए निर्माण पर रोक लगाई जाए।

निष्कर्ष
ताडोबा अंधारी टाइगर रिजर्व पर्यटकों और वन्यजीव प्रेमियों के लिए एक अनमोल धरोहर है। प्रशासन का यह कर्तव्य है कि वह इन धोखाधड़ी के मामलों पर सख्ती से कार्रवाई करे। इससे न केवल ताडोबा की गरिमा और पर्यटकों का विश्वास बना रहेगा, बल्कि वन्यजीव संरक्षण के उद्देश्य को भी मजबूती मिलेगी।

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