सोमनाथ ताडोबा सफारी गेट के शुरू होने से गांव वासियों को रोजगार का नया अवसर 

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वनमंत्री ना. सुधीर मुनगंटीवार का प्रतिपादन

चंद्रपूर (मोहम्मद सुलेमान बेग):
ताडोबा अंधारी व्याघ्र परियोजना के माध्यम से सोमनाथ सफारी गेट के माध्यम से सैलानियो को जंगल घूमने के साथ व्याघ्र पर्यटन का आनंद लेते आने वाला है। विशेषतः इस नए गेट के कारण युवाओं के लिए रोजगार का एक नया अवसर खुला है, ऐसा राज्य के वनमंत्री एवं जिले के पार्षद सुधीर मुनगंटीवार ने दि. 23 जुलाई 2023 को घोषणा की है।


मुल तालुके में स्थित सोमनाथ देवस्थान में सोमनाथ सफारी पर्यटन गेट के उद्घाटन के अवसर पर वे बोल रहे थे।
पालकमंत्री सुधीर मुनगंटीवार के हाथों हिरवी झंडी दिखाकर सोमनाथ ताडोबा सफारी गेट का उद्घाटन किया गया। इस कार्यक्रम में, भाजपा जिला अध्यक्ष हरिश शर्मा, जिला अधिकारी विनय गौड़ा, भाजपा महानगर के अध्यक्ष राहुल पावडे, पूर्व जिला परिषद अध्यक्ष देवराव भोंगळे, ताडोबा अंधारी व्याघ्र प्रकल्प के क्षेत्र प्रबंधक डॉ. जितेंद्र रामगांवकर, मुख्य कार्यकारी अधिकारी विवेक जॉन्सन, उपसंचालक (बफर) कुशाग्र पाठक, पूर्व जी. पी. अध्यक्षा संध्याताई गुरुनुले, भाजपा महिला मोर्चा प्रदेश महामंत्री अल्का आत्राम, आदी मौजूद थे।

वनमंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने कहा, ‘सोमनाथ गेट पर्यटकों के लिए खुलने की मांग स्थानीय लोगों ने की थी। गांव के नागरिक समिति ने ताडोबा सफारी के लिए गेट निर्माण करवाने की सूचना दी थी। इस मांग का सन्मान करते हुए वन विभाग को सूचना दी गई और पर्यटकों के आनंद के लिए तस्वीरें साझा की गईं, साथ ही युवाओं को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के लिए गेट को शुरू करने का निर्णय लिया गया है।’ सोमनाथ सफारी गेट पर्यटकों के लिए खुलने की खुशी का अनुभव भी उन्होंने व्यक्त किया।

हमेशा बारीश के दिनो मे ताडोबा कोर क्षेत्र में सफारी के लिए प्रवेश बंद होता है। लेकिन,  ताडोबा बफर  क्षेत्र में बड़े पैमाने पर  पर्यटन सुरू होने से सैलानियो ताका लगा रहता हैं। महाराष्ट्र में ऐसे कई जिले हैं जहां जंगल की देख रेख भी नहीं होती है। लेकिन,चंद्रपूर जिले के नागरिकों के लिए जंगलों से संबंधित भाग्यशाली है। चंद्रपूर जिले में 25 लाख पेड़ लगाने का उद्देश्य है। वंदे मातरम 1926 योजना को कार्यान्वित किया जाएगा। इसमें अवैध पेड़ कटाई, अवैध शिकार और कर्मचारियों के संबंध में शिकायतें भी दाखिल की जाएगी ऐसा  वनमंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने कहा।

जंगलों से सटे हुई गांवों को कुंपण

वन्य प्राणियों के कारण खेती में बड़े पैमाने में नुकसान होता है, यह चिंता का विषय है। विधि मंडळ अधिवेशन में एक विधायिका आएगी, और इस विधायिका के अनुसार जंगली प्राणियों द्वारा खेती में हुए नुकसान के लिए चुकाई देने की अवधि ३० दिन की होगी। गरीब किसान खुद के पैसे से कुंपण नहीं लगा सकते, इसलिए जंगलों के पास 2 कि.मी. तक कुंपण लगाकर वन्य प्राणियों को गांव में आने से रोकने का नियोजन करने की योजना कैबिनेट में रखी जा रही है, इस जानकारी को वनमंत्री सुधीर मुनगंटीवार जी ने दी। सोलर और तार से भी कुंपण का विकल्प उपलब्ध कराकर कुंपण की खरीदारी के लिए किसान के खाते में डीबीटी के माध्यम से सीधे राशि देने की भी योजना है, इसे भी उन्होंने बताया।

मृतक के परिवार को अब २५ लाख रुपये

वन्य प्राणियों के हमले में मृत्यु हो जाने पर २० लाख रुपये की मदद दी जाती थी। इस राशि को बढ़ाकर २५ लाख रुपये देने का निर्णय लिया जा रहा है, यह घोषणा वन मंत्री सुधीर मुनगंटीवार जी ने की है। वन्य प्राणियों के हमले में जखमी हुए व्यक्ति को सरकारी अस्पताल में उपचार के लिए जाने पर पांच लाख रुपये की मदद तो खाजगी रुग्णालय में उपचार होने पर 1 लाख 25 हजार रुपये की मदद दी जायेगी। अब वन्य प्राणियों के हमले में जखमी हुए व्यक्ति को किसी भी खाजगी दवाखाने में 5 लाख रुपये तक की मदद दी जाएगी, इसे भी वन मंत्री ने कहा। जंगल में जाने से इसलिए 90 फीसदी मृत्यु होती है। इसलिए बेवजह जंगलों में न जाएं और अवैध पेड़ कटाई भी न करें, यह आवाहन वनमंत्री ने नागरिकों को किया है।

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