
चंद्रपुर :
गश्त के दौरान जमीन पर पड़े बाघ ने पशु चिकित्सक अधिकारी डॉ. रविकांत खोबरागड़े व स्पेशल टाइगर फ़ोर्स पर हमला कर दिया। बाघ की वास्तविक स्थिति देखने गई तो बाघ ने अचानक हमला कर दिया।
ताडोबा अंधारी व्याघ्र प्रकल्प में बाघ और तेंदुए को संदिग्ध स्थिति में पाए जाने पर निगरानी रखने का सुझाव दिया गया है। ऐसे निर्देश दिए गए हैं। ताडोबा अंधारी व्याघ्र प्रकल्प के बफर झोन में डोनी गांव के पास जंगल में एक बाघ पड़ा मिला।
स्पेशल टाइगर फ़ोर्स पिछले 2-3 दिनों से बाघ की निगरानी कर रही है। यह हातसा आज 03 जून 2021 (गुरुवार) सुबह करीब 7.30 बजे हुआ।
डॉ. खोबरागड़े अपना बचाव करते हुए गिर पड़े। तभी बाघ ने उनके दोनों पैर पकड़ लिए। उसने एक पैर पर मुंह से वार किया और दूसरे पैर को अपने पंजे से पकड़ लिया। पैर में मजबूत जूते होने पर भी जबड़े में पाव गया तो एक पैर का अंगूठा टूट गया और दूसरा पैर गंभीर रूप से घायल हो गया।
साथियों के चिल्लाने पर बाघ भाग गया। इस बीच घायल डॉक्टर को सर्जरी के लिए शहर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है ।
घटना के बाद वन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी को मौके पर भेजा गया है। घटना की पुष्टि ताडोबा प्रशासन के अधिकारियों ने की है।
